Friday, September 2, 2016

Quote on Time as a Solution and a Problem

Sometimes the only solution to a problem is Time, And most problems in the world would not have been there if we had Time. - Navneet Singh Chauhan

Thursday, August 11, 2016

Quote on Being Selfish

I am Selfish, that's why "I" exist. - Navneet Singh Chauhan

में ख़ुदग़र्ज़ हू, तभी तो "में" हू || - नवनीत सिंह चौहान 

Wednesday, August 3, 2016

हिंदी कविता - भूली बिसरी यादें - नवनीत सिंह चौहान


बंद किताबो से, सूखे गुलाबो से,
तेरा चेहरा मेरे दिल में उतर आता है।
अनकही अनसुनी हर वोह बात दिल में दस्तक दे जाती है,
जिसे भुलाने की कोशिश में शामे गुजर गई।

कभी यादो के जरोखे में, कभी भिकरे पन्नो में,
सूखे गुलाबो से, आज भी तू मुझ में मिल जाती है,
तू जीवित है मुझ में कही, भूली बिसरी यादो में

आज ना जाने क्यों लगा की तेरी आहट सी आई, 
मगर जब पलट देखा तोह पाई बस तन्हाई 

आज भी में वही ठेरा हु, जहा हम साथ थे, 
जाने क्यों यह दिल मेरा ज़िन्दगी भर इंतज़ार करना चाहता है 
भूली बिसरी यादो में ही सही, तेरे संग जीना चाहता है

जब कभी टपकते है इन बन्ध पलकों से आसु,
हर बूंद को हम समेट लेते है ।
क्यूँ की आज भी तू मुझ में बस्ती है
कभी आसू तो कभी बंद दरवाजो की सिसकियो में

धुन्दता हूँ खुदा तोह मिलता नहीं, पर तू सहेज मिल जाती है,
भूली बिसरी यादो में ।
अब और में क्या मांगु मेरे खुदा से, जब तू मिल गई है,
मुझे मेरी भूली बिसरी यादो में।
                        - Navneet Singh Chauhan